इस सत्र के दौरान हाशियाबद्ध संदर्भों व समुदाय से महिलाओं के अनुभव को केंद्रित करते हुए, स्वास्थ्य सेवा लेने में आई बाधाओं को समझना और इन बाधाओं का महिलाओं के स्वास्थ्य, व उनके जीवन व अधिकार पर असर पर चर्चा को केंद्रित किया जायेगा। साथ ही स्वास्थ्य प्रणाली और प्रशासन की भूमिका पर भी चर्चा की जाएगी।
तारीख- 23 October 2021
समय- सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक
यह राज्य स्तरीय कार्यशाला की दूसरी श्रृंखला का पहला सत्र है। इस श्रृंखला के माध्यम से पिछली श्रृंखला में सुरक्षित गर्भ समापन के अधिकार व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच व बाधाओं पर हुई विस्तृत चर्चा को आगे लेकर जाया जायेगा। पिछले कुछ महिनों में समा द्वारा आयोजित राज्ये स्तरीय कार्येशालो में छत्तीसगढ़ स्थित समुदाय आधारित संस्थाओ, हाशियेबद समुदायों से महिलाओं व महिला लीडर्स के साथ साथ मितंनीनो की सक्रिय प्रतिभागिता रही है, जिसके चलते सुरक्षित गर्भ समापन के अधिकार व प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, उपलभ्धता व पहुंच पर हम समन्वयित चर्चा बना पाए।
रिसोर्स पर्सन-डॉ. अलका बरुआ, वह शिशुरोग विशेषज्ञ (pediatrician) हैं और समाजशास्त्र में पीएचडी रखती हैं।
उन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान में 30 वर्षों से ज़्यादा का अनुभव रहा है। वह स्वास्थ्य क्षेत्र में रचनात्मक और क्रियान्वयन से जुड़े अनुसंधान में शामिल रही हैं, जिसमें विशेष रूप से उन्होंने प्रजनन स्वास्थ्य और सुरक्षित गर्भसमापन के विषयों को नज़दीकी से देखा है। पिछले दस वर्षों से वह किशोर और युवा अनुकूल सेवाओं और कार्यक्रमों के मूल्यांकन से भी जुड़ी हुई हैं।