चार दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम – 13 से 16 सितम्बर 2021
समा पिछले कुछ वर्षों से उत्तर प्रदेश और झारखण्ड में विभिन्न जिलों में संस्थाओं /संगठनों के साथ मिलकर जेंडर दृष्टिकोण से यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के अधिकारों के विभिन्न मुद्दे को समझने का लगातार कार्यशालाओं के माध्यम से प्रयास करता आ रहा है।
यौन और प्रजनन स्वास्थ का जुड़ाव व्यक्तिगत /सामुदायिक तौर पर जीवन के विभिन्न चरणों और पहलू से है। इन अधिकारों का अन्य अधिकारों से अलगाव नहीं है बल्कि वो एक दूसरे से जुड़े है – उदहारण के लिए ग़रीबी, खाद्य असुरक्षा, जेंडर असमानता, जाति, यौनिक /जेंडर पहचान, जेंडर आधारित हिंसा, मानसिक स्वास्थ्य और अक्षमता आदि मुद्दों का यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों और खुशहाली के साथ गहरा जुड़ाव है, और इन अधिकारों का दायरा विस्तृत और साथ-साथ जटिल भी हो जाता है। बहुत सारे साथी नियमित रूप से इन कार्यशालाओं में भाग लेने का अवसर नहीं मिला है, खासकर युवा कार्यकर्ताओं को ध्यान में रखते हुए यह ऑनलाइन प्रशिक्षण की परिकल्पना की गई है।
इस प्रशिक्षण जेंडर के दृष्टिकोण से कोविड -19 महामारी के कारण के वंचित समुदाय की महिलाओं और लड़कियों के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों के उभरते विभिन्न मुद्दों, सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।